होम
गॉसिप
टेली टॉक
बॉक्स ऑफिस
फोटो गैलरी
वीडियो गैलरी
CLOSE

सर रिव्यू : रत्ना और अश्विन के इस प्यार को कभी नहीं अपनेगा समाज

By Bollywood halchal | Feb 08, 2021

कोरोना काल के बीच ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बहुत बढ़ावा मिला है। इन दिनों ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर कई बेहतरीन फिल्में और सीरीज़ रिलीज की गई हैं। ऐसी ही एक दिल को छू जाने वाली फिल्म है 'सर', जिसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया है। 2018 में बनीं एक भारतीय फिल्म है। रोहेना गेरा द्वारा निर्देशित हिंदी-लैंग्वेज रोमांटिक ड्रामा फिल्म में तिलोत्तमा शोम और विवेक गोमबर हैं लीड रोल में हैं। इसे रोहित गेरा और ब्राइस पॉइसन द्वारा निर्मित किया गया था। सर ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रारंभिक रिलीज़ की जिसके बाद 2018 में यूरोपीय देशों में नाटकीय रिलीज़ हुई। यह फिल्म भारत में 13 नवंबर 2020 को रिलीज हुई थी।

'सर' फिल्म रत्ना और आश्विन के अनूठे प्यार की कहानी है। रत्ना, एक पिछड़े गाँव में रहने वाली एक विधवा लड़की है। उसकी शादी बहुत ही छोटी उम्र में करवा दी जाती है और शादी के कुछ दिनों बाद ही उसके पति की मौत हो जाती है। पति की मौत के बाद रत्ना को ज़िंदगी के उन सभी सुखों से दूर कर दिया गया है जो एक आम लड़की को मिलते हैं। इस फिल्म की खासियत यह है कि ये फिल्म असल ज़िंदगी से प्रेरित है। आज भी देश में कई ऐसे गाँव हैं जहाँ अगर पति की मौत हो जाए तो लड़की बस एक ज़िंदा लाश बन कर रह जाती है। लेकिन रत्ना बहुत हिम्मती है। वह अपने मायके और ससुराल का खर्च चलाने के लिए शहर में नौकरानी का काम करती है। रत्ना पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसका यह सपना पूरा न हो सका। इसलिए वह चाहती है कि उसकी छोटी बहन पढ़ कर अपनी ज़िंदगी जी सके। 

वहीं, अश्विन शहर में रहने वाला एक अमीर और मॉडर्न लड़का है। अश्विन बिल्डर है और एक लड़की के साथ लिव इन में रहता है। अश्विन की शादी होने वाली होती है लेकिन कुछ वजहों से उसकी शादी टूट जाती है। रत्ना, अश्विन को 'सर' कह कर बुलाती है और उसकी बहुत इज़्ज़त करती है। रत्ना जानती है कि अकेलापन कैसा होता है इसलिए वह एक टूटे रिश्ते से परेशान अश्विन के जज़्बातों को अच्छे से समझती है। रत्ना, आश्विन के आंखे जज़्बातों को भी बहुत अच्छे से समझती है और उसे ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करती रहती है। आश्विन के मन में भी रत्ना के लिए इज़्ज़त है और वह जाने-अनजाने में रत्ना की तरफ आकर्षित होने लगता है। आश्विन को लगता है कि रत्ना उसे बहुत अच्छे से समझती है। एक दिन दोनों के बीच ऐसा लम्हे आता है जिसमें दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं।  लेकिन समाज की सच्चाई से वाकिफ रत्ना खुद को रोक लेती है। लेकिन अश्विन इस बात को समझकर भी समझना नहीं चाहता है। उसके लिए समाज, सोशल स्टेटस इन सब चीज़ों का कोई मतलब नहीं है। लेकिन रत्ना को पता है कि वो और अश्विन कभी भी एक नहीं हो सकते हैं इसलिए वह अश्विन का घर छोड़कर चली जाती है। 

अश्विन के दिल में रत्ना के लिए जो प्यार है वह समाज की सोच से कई ऊपर है। अश्विन, रत्ना के साथ एक अलग जुड़ाव महसूस करता है और उससे दूर रह कर भी उसके अधूरे सपनों को पूरा करने की कोशिश करता है। रत्ना, अश्विन के प्यार को समझ पाएगी या नहीं, इसके लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी। इस फिल्म को देखते वक्त आपको यह महसूस होगा कि सच्चा प्यार समाज की सोच, जाति, धर्म और सोशल स्टेटस से परे है। अगर आप भी फ़िज़ूल के ड्रामे और हीरोपंती से अलग कोई सब्जेक्टिव फिल्म देखना चाहते हैं तो सर मूवी जरूर देखें।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.